भारत की 3 ऐसी ट्रेन जो जाती हैं सीधा विदेश , क्या आपने किया है उस ट्रेनों से सफर?

भारत मे रेलवे सबसे बड़ा परिवहन संगठन है , इसकी रूट 67,000 किमी से अधिक लंबाई है , भारत का रेलवे network चौथे नंबर का सबसे बड़ा नेटवर्क है।भारत रेलवे केवल भारत तक ही उप्लब्ध नही है, बल्कि भारत से बहार विदेशों तक भी भरतीये रेलवे का नेटवर्क उप्लब्ध है । कई ट्रेन ऐसी भी है तो भारत की सीमा को पार करती है, जिससे जो व्यक्ति फ्लाइट का खर्चा नही उठा पता वे इन ट्रैनो मे सफ़र कर सकता है। बहुत से लोग ऐसे है जिन्होने ऐसे रूट से सफ़र किया है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी है जिन लोगो को इस रूट के बारे मे कुछ नही पता, ऐसे लोगो के लिए ही हमने इस लेख मे उन रुटो के बारे मे बताया है जो विदेश जाते
है।
1 . समझौता एक्सप्रेस
22 जुलाई 1976 मे भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद समझौता एक्सप्रेस की शुरुआत हुई। शुरुआत मे ये ट्रेन केवल भारत के अमृतसर से पकिस्तान के लाहौर तक चलती थी, 1980 के दशक से, सरकार ने इस यात्रा को समाप्त करने का फैसला लिया।
यात्रियों के लिये एक जरुरी दस्तावेज ये है की, यात्रा करने के लिये यात्रियो कर पास पकिस्तान का एक वैध वीज़ा होना जरुरी है। तभी वे सीमा को पार कर सकेंगे।
वर्तमान मे इस ट्रेन को रद्द कर दिया गाया है। ये ट्रेन केवल यात्रा के लिए नही है बल्कि ये ट्रेन दो देशो को एक करती है। artical 370 के नीरस्तीकरण से हुए तनाव के कारण परिचालन को खत्म कर दिया गया।
2. मैत्री एक्सप्रेस
मैत्री एक्सप्रेस सप्ताह मे छह दिन चलती है ये ट्रेन ढाका से कोलकाता तक चलती है। इसकी शुरुआत 2008 मे हुई, 1947 मे हुए भारत का विभाजन होने के कारण इस ट्रेन की सेवाओ को बाधित कर दिया गया।
3.बंधन एक्सप्रेस
ये ट्रेन एक अन्तर्राष्ट्रिय यात्री ट्रेन है, बंधन एक्सप्रेस केवल गुरुवर को चलती हैं । ये ट्रेन भारत और बांग्लादेश तक चलने वाली है, बंधन एक्सप्रेस की शुरुआत 9 नवम्वर 2017 मे हुई। बंधन एक्सप्रेस और बारिसाल एक्सप्रेस एक ही रूट पर चलती है।
2020 मे इस ट्रेन की आवर्ति को बड़ा दिया गया , और बढाकर दो दिन कर दिया गया, रविवार और गुरुवार को इसमे 4 एसी चेयर कार (सीसी) , 4 एग्जीक्योटीव चेयर , 2 जेनरेटर ये समान शामिल है।