ABG full form इन हिंदी : क्या आप एबीजी का फुल फॉर्म जानते हैं

ABG full form- हमारे शरीर के अंदर रक्त प्रभावित होता है। यह रक्त द्रव्य मात्रा में ना होकर विशेष गैस के रूप में प्रभावित होता रहता है। यह सभी गैस सभी अंगों में सही मात्रा में पहुंचाने का काम करती हैं मुख्य रूप से शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है। एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में इस गैस का विशेष महत्व है।
यदि हमारे शरीर के अंदर गैस की इन मात्राओं में अगर असंतुलन देखा गया तो उस व्यक्ति को हम स्वस्थ नहीं कह सकते हैं। शरीर के अंदर सभी रक्त कणिकाओं में गैस की मात्रा का पता लगाने के लिए ही एबीजी का टेस्ट किया जाता है। आइए जानते हैं कि ए बी सी का फुल फॉर्म क्या होता है और इसको क्यों जरूरी करवाना चाहिए।
ABG full form इन हिंदी क्या होती है
A- Arterial
B- Blood
G- Gases
ABG full form आरटेरियल ब्लड गैस होता है। इसको हिंदी में धमनी रक्त गैस भी कहा जाता है। आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे कि यह टेस्ट रक्त में मौजूद सैंपल धमनी के लिए लिया जाता है। इस टेस्ट को करवाने के लिए सुई को शरीर के अंदर डाला जाता है। यहां पर एक बात की जानकारी आपको विशेष होनी चाहिए कि धमनी अर्थात आर्टिरियल व सिरा के बीच का अंतर क्या है।
हमारी धमनियों के अंदर रहने वाला रक्त शुद्ध रक्त होता है। एबीजी एक प्रकार का टेस्ट होता है। जो हमारे शरीर के धमनियों के अंदर पीएच, बाइकार्बोनेट, ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड, हीमोग्लोबिन, पीएच के लेवल के मापने के लिए किया जाता है। अगर आसान शब्दों में कहे तो हमारे खून के अंदर मौजूद पीएच लेवल का मान चेक करने के लिए लेते हैं। ताकि इससे यह पता चल सके कि हमारे शरीर के अंदर रक्त कितना अम्लीय होता है।
एबीजी टेस्ट क्यों करवाते हैं
एबीजी टेस्ट रक्त में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा को जांच करने के लिए, खून के अंदर पीएच लेवल की जांच करने के लिए करवाया जाता है। इसके अलावा फेफड़ों के इलाज के लिए, स्वसन तंत्र के संबंधित किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए, आपके फेफड़े सही तरह से काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी के लिए इस टेस्ट को करवाया जाता है।
रक्त में मौजूद एसिड बेस बैलेंस को भी सही तरह से मापने के लिए, इस टेस्ट को करवाते हैं। गुर्दे और फेफड़े की जांच के लिए, मेटाबोलिज व किडनी की जांच के लिए, गर्दन में सिर के ट्रामा की जांच करने के लिए खून में एसिड लेवल जानने के लिए यह टेस्ट करवाना जरूरी होता है।