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AI full form in Hindi : क्या आप एआई का फुल फॉर्म हिंदी में जानते हैं?

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AI full form in Hindi : क्या आप एआई का फुल फॉर्म हिंदी में जानते हैं?

आज इंसान ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतनी तरक्की कर ली है कि उसका पूरा श्रेय हमारे दिमाग को जाता है यानी कि ह्यूमन ब्रेन की वजह से आज इंसान ये आविष्कार करने लगा है‌ और उसी का एक उदाहरण AI है। आपको बता दें कि पहली बार जब कंप्यूटर बनाया गया था तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि भविष्य में कंप्यूटर के साथ-साथ स्मार्टफोन जैसी चीज का भी हम सभी उपयोग कर पाएंगे। 

आज इस तरह टेक्नोलॉजी बढ़ गई है कि अब एक ऐसी टेक्नोलॉजी डिवेलप की गई है। जिसमें इंसान की तरह दिखने इंसान की तरह सोचने वाली मशीन बनाई गई है। पहले यह सब आप सब फिल्मों में देखते होंगे। लेकिन अब आपको यह रियल लाइफ में भी देखने को मिलेगी। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन का सच है। जो आने वाले समय में तो हकीकत बनने वाला है और इसके बिना शायद हम किसी भी काम की कल्पना नहीं कर पाएंगे।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई का इस्तेमाल मानव निर्मित अभी चीज के लिए कर सकते हैं यह वह मशीन है जो मानव की तरह होती है और खुद फैसला ले लेती है आइए जानते हैं आखिर एआई का फुल फॉर्म क्या होता है और इसको किस लिए बनाया गया है…

AI full form in Hindi क्या है

A - artificial

I - intelligence

एआई का हिंदी में फुल फॉर्म 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' होता है इसको 'कृत्रिम बुद्धिमता' भी कहा जाता है। अगर साधारण भाषा में कहें तो कंप्यूटर रोबोट या फिर किसी शिफ्ट की हेल्प से एक मशीन में टारगेट से संबंधित कुछ डाटा को स्टार्ट करते हैं और इस डाटा से ही सॉफ्टवेयर तैयार किए जाते हैं। जो किसी भी परिस्थिति के अनुसार सही तरीके से उसका निर्णय कर सकें। यह सॉफ्टवेयर रियल टाइम परिस्थितियों में भी काम में ले सकते हैं। इस पूरे प्रोसेस वाली तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा गया है।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास

पहले के समय में मीथक कहानी और कृतिम शिल्प के साथ में मास्टर कारीगरों की सोच से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतिहास की जानकारी में आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारतीय दार्शनिकों के द्वारा शुरुआत की गई थी मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामेबल डिजिटल कंप्यूटर के आविष्कार की गई थी जो कि मानव के द्वारा बनाई गई एक गणितीय तर्क पर आधारित मशीन थी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग

24×7 की उपलब्धता 

मशीनों को भी इंसान की तरह लगातार आराम करने की या रिप्लेसमेंट करने की जरूरत नहीं होती है इन मशीनों को लंबे समय तक काम करने के लिए प्रोग्राम कर दिया जाता है यह सभी मशीनें लगातार 24 घंटे 7 दिन तक कार्य करने की क्षमता रखती है आप इसका जीता जागता उदाहरण एटीएम मशीन को ही देख सकते हैं।

दिन प्रतिदिन आवेदन 

हमारी रोज की जरूरत को पूरा करने के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन बहुत अहम भूमिका निभाते हैं या यूं किसी भी काम को बिना मोबाइल के करना असंभव सा हो गया है तो कहीं ना कहीं आपने इस बात को शुरू कर दिया है कि आप भी प्रतिदिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर ही रहे हैं जब लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं तो ट्रेकिंग के लिए जीपीएस इस्तेमाल करते हैं एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हिस्सा है।

डिजिटल मदद

बहुत से ऐसे संगठन है जो इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके अपने हिसाब से सीधे बातचीत करते हैं। यानी कि इन मशीनों के द्वारा ही इस काम को किया जाता है। जो कि डिजिटल सहायक और मानव संस्थान की आवश्यकता की पूर्ति में मदद करती है। रोबोट उपयोगिता के डिमोशन की पहचान नहीं कर सकता है। लेकिन तार्किक रूप से पहुंचने के लिए मशीन को प्रोग्राम कर सकता है।

रिपिटेटिव जॉब को संभालना

एक ही काम को बार-बार करने के बाद थकान हो जाती है जब एआई के द्वारा आप इस तरह के काम को आसानी से कर सकते हैं। यानी कि नौकरी को ढूंढने के लिए मदद कर सकते हैं। मशीन बहुत तेजी से सोचने का और रिजल्ट देने का काम करती हैं। आप इन मशीनों का उपयोग किसी भी खतरनाक काम के लिए ले सकते हो।

चिकित्सा के क्षेत्र में

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और चिकित्सा के क्षेत्र में कर सकते हैं या चिकित्सा के क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जा रहा है। चिकित्सक रोगी के स्वास्थ्य के टेस्ट का आकलन करने के लिए एआई की मदद पूरी जांच की जाती है। रोगी में होने वाली अलग-अलग तरह की बीमारियों का डिजिटल तरीके से निरीक्षण करना एआई का काम होता है व्यक्तिगत डिजिटल देखभाल का काम भी इनकी मदद से किया जा सकता है।

Artificial intelligence से होने वाला नुकसान

आपको बता दें कि एआई टेक्नोलॉजी बहुत बेहतरीन टेक्नोलॉजी है लेकिन आप जानते हैं कि किसी भी चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। अगर एआई टेक्नोलॉजी के यहां फायदे हैं तो नुकसान ही आपको बता दें कि किसी भी आतंकवादी संगठन को यह तकनीक हाथ में लग गई तो वह कहीं ना कहीं इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कहीं ना कहीं मानव के जीवन को नुकसान पहुंच सकता है।