ATS full form in hindi : एटीएस का फुल फॉर्म क्या होता है

अपने समाचार पत्र में देखा होगा अक्सर एक शब्द आतंकवाद का सुनाई देता है। आतंकवादी पूरी दुनिया पर अपना जमा रखा है। आतंकवाद से सबसे ज्यादा हमारा देश प्रभावित है यहां पर ऐसे पड़ोसी देश है जो लोगों के अंदर डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वह प्रतिदिन लोगों के बीच में मजहब के नाम पर इस तरह कि नफरत पैदा कर रहे हैं। जिससे लोगों में बहुत दरार आ गई है।
ऐसे ही आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत सरकार के द्वारा राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा एक बल तैनात किया गया है। जो राज्यों की पुलिस से मिलकर बनाया गया है उसका काम आतंकवाद पर पूरी तरह से लगाम करना है। उस पुलिस बल का नाम एटीएस रखा गया है। आपने इसके बारे में तो न्यूज़ में सुना ही होगा। एटीएस क्या होता है। एटीएस का फुल फॉर्म क्या है। एटीएस की स्थापना कब की गई सभी के बारे में हम यहां आपको बताने वाले हैं।
ATS full form in hindi क्या होता है
- A - anti
- T - terrorism
- S - squad
एटीएस का फुल फॉर्म एंटी टेररिज्म स्क्वाड होता है। इसको आप हिंदी में आतंकवाद निरोधक दस्ता भी कह सकते हैं। एंटी का मतलब निरोधक होता है। टेररिज्म में मतलब आतंकवाद और स्क्वायड मतलब दस्ता कहा जाता है। ऐसा संगठन जो आतंकवाद को जड़ से खत्म कर दे उसी को ही एटीएस यानी कि आतंकवाद निरोधक दस्ता कहा जाता है। यह एक ऐसा पोस्ट है जो की गोपनीय रूप से काम करता है लेकिन आतंकवादियों की पहचान करके उनको खत्म कर देता है।
एटीएस क्या होता है ATS full form in hindi
आपको बता दें कि एटीएस क्या है और यह क्या काम करता है तो आपको बता दो कि देश में सब पूरी दुनिया में आतंक बाद एक बड़ी समस्या चल रही है। आतंकवाद देश को अंदर से खोखला करने की क्षमता रखता है। उसकी को कंट्रोल में करने के लिए एटीएस बनाया गया है। हालांकि इसके खात्मे के सभी प्रयास खत्म होते रहते हैं। कई बार सरकार तुष्टीकरण नीतियों की वजह से भी सख्त कदम नहीं उठा पाती है। इसी वजह से आतंकवाद ज्यादा फल फूल रहा है कहीं ना कहीं हम लोग ही आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।
फिर भी इन आतंकवादी गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम कसने के लिए ही एटीएस बल की स्थापना की गई थी। यह एटीएस बल पुलिस के जवानों के बीच से ही बहुत ही काबिल और होनहार पुलिसकर्मियों को निकालकर बनाया गया है। उन्हीं का एक ग्रुप तैयार किया गया है। जिस को एटीएस कहा जाता है।
सामान्य पुलिस के अधिकार से एटीएस के अधिकारियों को ज्यादा शक्तियां पावर दी जाती है। जो कि अपनी शक्तियों का इस्तेमाल केवल आतंकवादियों को पकड़ने और उन पर लगाम कसने के उद्देश्य से करते हैं। इस तरह से देखा जाए तो हर राज्य के पुलिस की ही शाखा होती है। जिसके पास में पुलिस से ज्यादा शक्तियां पाई जाती है। और वह सभी शक्तियों का इस्तेमाल राज्य के हित के लिए देश में फैल रही आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए करता है। आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया करना ही इस ग्रुप का उद्देश्य है। आज देश की कई बड़ी आतंकवादियों की गतिविधियों को एटीएस के द्वारा ही सुलझाया गया है
एटीएस की शुरुआत
अब आपको बता दें कि एटीएस की शुरुआत कब हुई तो यह आज भारत के हर राज्य में खुल चुकी है। हर जिले के अंदर एटीएस की शाखा मौजूद है। इसका कारण है कि आतंकवादी अब हर जिले में पहुंचकर अपनी गतिविधियां करते हैं। इसी वजह से हर जिले में एटीएस की शाखा खोलने की बड़ी मांग हो गई है। इसकी स्थापना महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में की गई थी। सन 1990 में जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड का बहुत ज्यादा खौफ हुआ करता था। उन दिनों में बॉलीवुड सहित कई पॉलिटिशियन की भी हत्या करवा दी गई थी।
जिनमें से आपको एक सुप्रसिद्ध माता रानी के भजन गायक गुलशन कुमार के बारे में तो जानते ही हैं। उनको मुंबई की सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था। पूरा देश चुपचाप इस घटना को देख रहा था। लेकिन किसी की हिम्मत उनको रोकने के लिए नहीं हुई। इसी घटना को देखते हुए मुंबई में एटीएस की स्थापना की गई थी। इसी से प्रभावित होकर आज देश के हर राज्य में एटीएस मौजूद है।