Bank Locker Rules: RBI ने बैंक लॉकर रूल में किया बड़ा बदलाव, ग्राहकों की बढ़ी मुसीबत, जाने नए नियम

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया यानी RBI के द्वारा बैंक लॉकर को लेकर नए नियम बन चुके हैं, जो कि अभी तक ग्राहकों को सही प्रकार से नहीं समझ आए है। जानकारी के अनुसार बता दें बैंक लॉकर होल्डर को टाइम-टाइम पर एग्रीमेंट के लिए पात्रता दिखानी है। इसी के साथ-साथ दोबारा नवीनीकरण करने के लिए बैंक के साथ एग्रीमेंट भी करना होगा। इन्हीं नियमों के चलते ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कई लोग ₹500 के कागज पर स्टांप एग्रीमेंट करवा के बैंक लॉकर में जमा कर रहे हैं, तो कई लोग ₹100 का स्टांप पेपर लेकर जमा कर रहे हैं। पर समझ नहीं आ रहा कि पेपर का खर्च किसके द्वारा उठाया जाएगा, ग्राहक के द्वारा यह बैंक के द्वारा? कई बैंक ग्राहकों से पेपर लाने को कह रहे हैं तो कई बैंक अपने आप ही ग्राहकों को पेपर दे रहे हैं। साथ ही पेपर पर स्टांप की कमी भी नजर आ रही है। इन नियमों के चलते ग्राहकों को काफी शिकायतें हैं, क्योंकि उन्हें ब्रांच के नए अनुबंध के तहत पूरी तरह सूचना नहीं है।
कौन उठायेगा स्टांप पेपर का चार्ज?
इसके अलावा बैंकों द्वारा लोकरो के लिए सालाना शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई है। जहां एसबीआई के लॉकर का वार्षिक शुल्क ₹1500 से लेकर ₹12000 तक बढ़ा दिया गया है, वही उसे पर जीएसटी ₹500 से लेकर ₹3000 लगाया जा रहा है।
इसके अलावा एचडीएफसी के बैंक लॉकर के प्रकार और ब्रांच ब्रांच की लोकेशन के चलते लाकर का वार्षिक शुल्क 1350 रुपए से लेकर ₹20000 तक कर दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पहले 18 अगस्त 2021 को रिजर्व बैंक के द्वारा सभी बैंकों को निर्देश जारी करके यह बताया गया था कि वह अपने लाकर धारकों के लिए एक नया अनुबंध 1 जनवरी 2023 तक पूरा कर ले इसके बाद जनवरी में रिजर्व बैंक द्वारा एक और सर्कुलर में बताया गया था कि तब तक बड़ी संख्या में लाकर धारकों के लिए नया अनुबंध करना बाकी है।
बहुत से ऐसे मामले हैं जिसमें बैंकों ने अपनी लाकर धारकों को लेकर सूचित नहीं किया है कि ऐसे समय अवधि के अंतराल में यह सब फॉर्मेलिटी करना जरूरी है इसी के साथ रिजर्व बैंक ने लाकर कॉन्ट्रैक्ट के रीन्यूअल की तारीख बदलकर 31 दिसंबर कर दी है साथ ही साथ बैंकों को ऐसा निर्देश भी दिया गया है कि 50% कम 30 जून 2023 और 75% कम 20 सितंबर 2023 तक निपटाया जाए और इसी के साथ-साथ बैंक के दक्ष सुपरवाइजर पोर्टल पर हर महीने कार्य कितना प्रगति पर हुआ है देखा जाएगा।
RBI ने कहा
आरबीआई के द्वारा ऐसा कहा गया है कि किसी भी ग्राहक को लाकर देते टाइम बैंक पूरी तरीके से कागजी कार्यवाही एवं एग्रीमेंट तैयार करेगा जिस पर मोहर लगी होगी इसी के साथ-साथ लाकर किराए पर देने वालों को अधिकारों और जिम्मेदारियां को जानने के लिए ग्राहक और बैंक के दोनों पक्षों के साइन किए हुए एग्रीमेंट की कॉपी एक ग्राहक के पास होगी और दूसरी बैंक के पास होगी।
इसके अलावा लॉकर की सुरक्षा को लेकर भी काफी कड़े कदम उठाए गए हैं जिसके तहत लॉकर में रखे सम्मान को लेकर बैंक यह नहीं कह सकता कि उसे समाज की उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी यदि कोई चोरी धोखाधड़ी आ गया भावंडे जाने की स्थिति में किसी का नुकसान होता है तो बैंक इसे लेकर 100% जिम्मेदार होगा।