भारत के इस राज्य में आलू-प्याज से सस्ता मिलता है काजू-बादाम, जाने उस जगह का नाम

ड्राई फ्रूट खाना सभी को पसंद होता है. लेकिन ड्राई फ्रूट की कीमत अधिक होने की वजह से हर कोई व्यक्ति इनको खरीद कर नहीं खा सकता है. फिर भी हम घर में कोई भी व्यंजन खीर हलवा सब्जी बनाते हैं तो उनमें डेकोरेशन के लिए अगर काजू बादाम ना हो तो थोड़ा फीका फीका सा लगता है. एक तरह से कहा जाए तो किसी भी व्यंजन की सजावट में चार चांद लगाने का काम ड्राई फ्रूट ही करते हैं. मिडिल क्लास लोग तो फिर भी ज्यादा नहीं थोड़ा ड्राई फ्रूट खरीद देते हैं. लेकिन जो बिल्कुल गरीब लोग हैं. वह इनको खरीदने से बचते हैं. आज काजू की कीमत और बादाम की कीमत की बात करें तो 700 ₹800 से नीचे इनकी खरीद नहीं मिलती है
क्या आप जानना चाहेंगे हमारे देश में एक ऐसी जगह है. जहां पर काजू बादाम आलू प्याज के भाव में आप खरीद सकते हैं. आपने बिल्कुल सही सुना है हमारे देश में ऐसी जगह भी मौजूद है. जहां पर आप काजू 30 से ₹40 किलो के दाम पर खरीद सकते हैं. जरूर आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि आखिर हमारे देश में ऐसी कौन सी जगह है. जहां पर इतने कम कीमत पर आपको काजू मिल जाएगा तो आइए फिर जानते हैं आखिर कहां पर आलू प्याज के भाव में काजू बादाम मिलते हैं. या फिर हम ये भी कह सकते है की आलू-प्याज से सस्ता मिलता है काजू-बादाम
यहां होती है काजू की खेती
भारत के झारखंड में काजू की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. सन 2013 में 1.1 मिलियन हेक्टर क्षेत्र के अंदर दुनिया में सबसे अधिक काजू पैदावार करने वाला राज्य बना था. झारखंड राज्य में काजू की खेती के लिए 12 हेक्टर भूमि उपयोग में ली जाती है. यहां पर 5 तन काजू का उत्पादन भी होता है. इसीलिए झारखंड राज्य के पूर्व से लेकर पश्चिम सिंह भूमि, सरायकेला, जामताड़ा, पाकुड़ दुमका, देवघर के अंदर काजू की बहुत सस्ती खेती होती है. इस खेती में प्याज के भाव पर काजू मिलते हैं.
सड़क के किनारे बिकता है काजू
झारखंड के जमतवाड़ा क्षेत्र में लोग सड़क के किनारे काजू को आलू प्याज की तरह बेचते हैं. अकेला झारखंड का जमतवाड़ा जगह ऐसी है. जहां पर 50 एकड़ जमीन पर काजू की खेती की जाती है. इसीलिए इस शहर का नाम काजू नगरी भी जमतवाड़ा क्षेत्र में काजू के बड़े-बड़े खेत है. इस वजह से यहां के किस काजू बहुत सस्ते दामों में बेच देते हैं. आपको बता दे कि झारखंड राज्य में वहां की जलवायु और मिट्टी काजू की खेती करने के लिए बहुत अच्छी होती है. काजू की खेती यहां आज से नहीं बल्कि सन 1990 से की जा रही है.
झारखंड राज्य में काजू सस्ता होने की वजह से आसपास के सभी राज्य के व्यापारी वहां से काजू खरीद कर लाते हैं. और अपने क्षेत्र अपने राज्य में आने के बाद उनको दोगुनी दामों में बेच देते हैं.