DM full form in Hindi : डीएम का हिंदी में फुल फॉर्म क्या होता है?

आज के समय में सरकारी नौकरी की चाह हर कोई व्यक्ति रखता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि जो व्यक्ति सरकारी नौकरी के सपने देखता है। उसको सरकारी नौकरी मिल भी जाए। आप सभी जानते हैं कि सरकारी नौकरी का मिलना आज के समय में कितना बड़ा कंपटीशन का काम हो गया है। यहां सरकारी नौकरी पाने के लिए रात दिन मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर आपको यह नौकरी मिल सकती है।
सरकार प्रतिवर्ष बहुत सारी पदों की भर्ती के लिए नौकरी निकालती है। उनमें से आपने कभी सुना है डीएम पद के लिए आवेदन। हम यहां बताने वाले हैं कि डीएम पद के लिए जॉब कैसे की जाती है। डीएम का ऑफिस फुल फॉर्म होता क्या है? डीएम को हिंदी में क्या कहा जाता है? इसकी पूरी जानकारी यहां आपको बताने जा रहे हैं…
DM full form in Hindi क्या होता है?
D - District
M - magistrate
डीएम का हिंदी में फुल फॉर्म डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है। डीएम को जिला अधिकारी या जिला शासक भी कहा जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं हर जिले का एक बड़ा अधिकारी होता है। उस अधिकारी का काम जिले के सभी शासन व्यवस्था का सही ढंग से देखभाल करना यानी कि जिले में किसी भी तरह की अव्यवस्था ना हो।
सभी इंडस्ट्रियल व नोन इंडस्ट्रियल काम का पूरा कंट्रोल जिला अधिकारी के पास में होता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो डिस्टिक मजिस्ट्रेट हर राज्य में कानून की पूरी व्यवस्था सुरक्षा को कंट्रोल में करके रखता है। इसीलिए हर राज्य में सुचारू रूप से शांति बनी रहती है।
डीएम का काम क्या है?
जिला अधिकारी राज्य में अभी काम पर खुद का नियंत्रण रखता है। जैसे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था, कानून व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, सही ढंग से देखभाल करना, सभी सरकारी दफ्तरों में भी जिला अधिकारी का पूरा अधिकार है। अगर कोई सरकारी अफसर अपने काम को ईमानदारी से नहीं कर रहा तो उस अफसर को जिलाधिकारी सस्पेंड कर सकते हैं।
जिलाधिकारी के पास में सभी कर्मचारियों को काम के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित करने का काम करना भी है। अगर वह ऐसा नहीं करता तो उनको वह सस्पेंड भी कर सकते हैं। सभी अधिकारी अपने मन मेहनत लगन इमानदारी से अपने काम को करें। किसी भी तरह के काम में कोई ढील ना दी जाए।
डीएम कैसे बनते हैं?
डीएम बनने के लिए सबसे पहले स्नातक किसी भी स्ट्रीम से करना जरूरी होता है। अगर आपने स्नातक की परीक्षा भारत के किसी भी क्षेत्र से की है और अच्छे नंबरों से इस परीक्षा को पास किया है। तब जाकर आप यूपीएससी के माध्यम से सीएससी की परीक्षा दे सकते हैं। यह परीक्षा भी पास करना बहुत जरूरी होता है। जब आप इस प्रक्रिया से गुजरते हैं तब जाकर आपको एक रैंक दी जाती है। उसके अनुसार आपको आईएएस ऑफिसर पद के लिए सेलेक्ट कर लिया जाता है। फिर तीन चरणों में लेवल को पास करना पड़ता है।