जेष्ठ के महीने के धार्मिक महत्व के बारे में आप जानते हैं? कब है जेष्ठ का महीना और इसके जरूरी नियम जाने

हिंदू सनातन धर्म में जेष्ठ के महीने का बहुत महत्व है। हिंदू कैलेंडर में यह तीसरा महीना माना जाता है या यूं कहे कि हिंदू महीनों के अनुसार यह तीसरा महीना पड़ता है। इस महीने में गर्मी बहुत ज्यादा तेज पड़ती है। इसके अलावा बड़े पर्व तीज त्यौहार भी जिसके महीने में ही आते हैं।
जेष्ठ महीने में एकादशी प्रदोष पूर्णिमा अमावस्या वट सावित्री व्रत गंगा दशहरा शीतला अष्टमी की सभी बड़े त्योहार एक साथ पढ़ते हैं। इस बार जिस का महीना 6 मई से शुरू होकर 4 जून तक आने वाला है । जिसके महीने का बड़ा पुण्य फल होता है। इसके लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए। जिससे कि उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो। जिसके महीने के सभी नियम और धार्मिक महत्व को जानने के लिए आप हमारे इस लेख को पढ़ ले। तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
जेष्ठ के महीने में होती है ये वाली खास पूजा
हिंदू धर्म के अंदर जेष्ठ का महीना भगवान विष्णु वह उनके चरणों से निकलने वाली गंगा मैया के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पवन पुत्र हनुमान जी की भी पूजा का इस महीने में बहुत महत्व माना गया है। जेष्ठ के महीने में हिंदू धर्म के अनुसार मंगलवार पड़ता है। उसको बुढ़वा मंगल के नाम से भी जानते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि जेष्ठ के महीने में पहले 4 बड़े मंगलवार पर विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा वर प्रदान कर दिया जाता है। जेष्ठ के महीने में भगवान विष्णु की पूजा, सूर्य नारायण की पूजा, मां गंगा की पूजा से व्यक्ति को अनंत पुण्य मिलता है।
जेष्ठ महीने में करेें ये दान
जिस के महीने में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है इसीलिए दान पुण्य का भी बहुत महत्व है। जिसके महीने में आप केवल आम आदमियों की ही मदद ना करें बल्कि इस गर्मी वाले महीने में आप पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के काम भी कर सकते हैं। पशु पक्षियों के लिए आप जगह-जगह पानी भरकर रखें। इससे बड़ा पुण्य मिलता है। हिंदू मान्यता के अनुसार जेस्ट के महीने के देवता मंगल देवता है। इसीलिए इस महीने में मंगलवार के दिन गुड़ का दान का बड़ा महत्व है। साथ में आप छाता जूते चप्पल सत्तू सूती वस्त्र तिल इनका भी दान कर सकते हैं।
यह काम करें जरूरी
हिंदू पंचांग के अनुसार वैसे हर महीने में पूजा-पाठ का कुछ अलग ही महत्व होता है और उनके लिए अलग ही नियम बताए गए हैं इन सभी नियमों के आधार पर अगर साधक सही ढंग से पूजा करता है तो उसको शुभ फल की प्राप्ति होती है मुख्य रूप से जस्ट के महीने में सत्तू बेल रसदार फल दही पानी आदि का सेवन करते रहे और इनका दान पुण्य भी कर सकते हैं इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इस महीने में भूलकर भी ना करें ये काम
हिंदू पंचांग कैलेंडर में जेस्ट के महीने में भूल के भी दिन में नहीं सोना चाहिए अगर आप इस नियम को नहीं मानते हैं तो आपको कई तरह के रोग होने लग जाएंगे कुल मिलाकर कहे तो देश के महीने में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती है आपको मसालेदार चीजों का सेवन भी नहीं करना होगा और हो सके तो इस महीने में आप एक ही बार भोजन करने का प्रयास करें हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी घर में बड़े बेटे बड़ी बेटी का विवाह इस महीने में नहीं करना चाहिए और आपके घर में कोई भी मेहमान आ जाए या कोई भी आपको बाहर व्यक्ति मिले उसको बिना पानी पिलाया नहीं भेजना चाहिए।