क्या आप हनुमान चालीसा कि इस लाइन का अर्थ जानते हैं? जानिए कौन सी है वह पंक्ति?

हनुमान चालीसा के बारे में तो सभी लोग बहुत अच्छे से जानते हैं। हनुमान चालीसा हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक बहुत अच्छा रामबाण इलाज है। अगर आप भगवान राम की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ होता है। हनुमान चालीसा में वर्णित 11 पंक्ति का क्या अर्थ होता है।
क्या आप इसके बारे में जानते हैं हनुमान चालीसा की यह एक लाइन 'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता' इसका पूरा अर्थ आप जानते हैं। अगर नहीं जानते तो हम आपको यहां बताने वाले हैं और इस पंक्ति का गुणगान करने से या प्रतिदिन पाठ करने से आपको क्या फल मिलेगा आइए जानते हैं।
गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखित हनुमान चालीसा हनुमान जी के बल बुद्धि पराक्रम और भगवान श्री राम के प्रति अपार प्रेम भक्ति को दर्शाती है। या यूं कहे कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में संपूर्ण रामायण का वृतांत वर्णित किया है। अगर आप हनुमान चालीसा को ध्यान से पढ़ते हैं तो उसकी हर एक चौपाई रहस्य हैं। और उस चौपाई में आपके घर में सुख समृद्धि का भी उपाय आपको मिल सकता है। लेकिन क्या आप गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखित इस पंक्ति का अर्थ समझते हैं :-
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता।।
हनुमान चालीसा की इस पंक्ति का अर्थ है कि भगवान हनुमान जी महाराज अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता हैं इनको यह वरदान माता जानकी ने दिया था।
अष्ट सिद्धि में वह ताकत है जिसके बल पर हनुमान जी किसी भी व्यक्ति का रूप धारण करके किसी भी रूप में जा सकते हैं ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी महाराज को भगवान श्री राम की पूरी कृपा थी जिसके बल पर उन्होंने अष्ट सिद्धि नव निधि को सिद्ध करके प्राप्त कर लिया था अष्ट सिद्धि नव निधि के बल पर वह किसी भी स्थान पर पल भर में पहुंच जाते हैं।
नव निधि
नवनिधि आज इस दुनिया में कौन व्यक्ति नहीं चाहता है या यूं कहे कि इस दुनिया की सबसे कीमती चीजों में धन वैभव लक्ष्मी संपदा यस इत्यादि की कामना सभी लोग करते हैं यह नवनिधि प्राप्त करने के बाद में व्यक्ति को किसी चीज की जरूरत नहीं पड़ती है।
नव निधियों के अंतर्गत पद्म निधि, महापद्मा निधि, नील निधि, मुकुंद निधि, मकर निधि, नंद नधि, कश्यप निधि शंख निधि, खर्व निधि को नवनिधि में शामिल किया गया है
जब हनुमान जी महाराज लंका में सीता माता का पता लगाने के लिए गए थे तब सीता माता ने उनकी बहुत अधिक प्रशंसा की और उनके काम और भक्ति भाव को देखकर माता सीता ने उनको अष्ट सिद्धि और नवनिधि का वरदान दे दिया था इस बात का वर्णन हनुमान चालीसा में किया गया है ।
हनुमान जी की भक्ति
हनुमान जी महाराज का प्यार प्रेम त्याग समर्पण पूजा भाव भगवान राम के प्रति आज भी इस कलयुग में देखने को मिलता है ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति और भक्ति भाव से भगवान राम का नाम जपते हैं उस पर हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा होती है क्योंकि हनुमान जी महाराज को भगवान राम का नाम अति प्रिय है जो भी भक्त राम का नाम लेते हैं तो उनसे हनुमान जी महाराज अति प्रसन्न होते हैं।