आपको मालूम है रेलवे स्टेशन नाम के आगे जंक्शन, टर्मिनल और सेंट्रल क्यों लिखा होता हैं, जाने इसके पीछे का रहस्य

चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बाद दुनिया का सबसे बड़ा और चौथा बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेल का है। भारतीय रेलवे को कई स्टेशनों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि इसका प्रबंधन आसानी से हो सके। इससे न केवल ट्रेनों को बल्कि यात्रियों के लिए भी सुरक्षा और सुविधाजनक यात्रा को सुनिश्चित किया जाता है।
आपने अक्सर देखा होगा ट्रेन में यात्रा करते समय की स्टेशनों पर ज्यादातर टर्मिनल जंक्शन और केंद्रीय जैसे शब्द लगे होते हैं। क्या आप जानते हैं इनका मतलब क्या होता है? तो आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि, आखिर स्टेशनों के इन मनको का क्या मतलब होता है।
जंक्शन का मतलब
अगर किसी स्टेशन से किसी ट्रेन के आने और जाने के लिए कम से कम तीन रास्ते होते हैं उसे जंक्शन कहते है। आसान शब्दों में अगर बात करें तो स्टेशन में प्रवेश करने वाले ट्रेन और प्रस्थान करने वाली ट्रेन में कम से कम दो अलग-अलग मार्ग होते हैं। जंक्शन स्टेशन में कई प्लेटफार्म जुड़े होते हैं। जिससे ट्रेनों को अलग-अलग गंतव्य के लिए एक साथ खड़ा किया जाता है। लेकिन इसकी जरूरत नहीं है, जंक्शन और टर्मिनल में अगर सीधे तौर पर अंतर की बात करें, तो ट्रेनर टर्मिनल में केवल एक दिशा में जा सकती है। जबकि जंक्शन से ट्रेनिंग 2 दिशा में आसानी से भेजी जा सकती हैं।
टर्मिनल का मतलब
जिस स्टेशन पर ट्रेन केवल एक दिशा में जा सकती है और एक दिशा से ही बाहर निकल सकती है तो उसे स्टेशन को टर्मिनल या टर्मिनस के नाम से जाना जाता है। दूसरे शब्दों में अगर बात करें तो ट्रैक एक दूसरे की विपरीत दिशा में खत्म होती है। ट्रेन जिस दिशा से प्रवेश करती है इस दिशा से बाहर निकल जाती है। स्टेशन के विन्यास के अनुसार अगर बात करें तो, यात्रियों को यह क्रॉस ट्रैक्स के बिना सभी प्लेटफार्म तक पहुंचने में मददगार साबित होता है।
सेंट्रल का मतलब
सेंट्रल स्टेशन एक शहर का सबसे ज्यादा बिजी रहने वाला और सबसे महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक होता है। जिसमें एक से ज्यादा बल्कि कई ज्यादा स्टेशन सम्मिलित होते हैं। यहां ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान की बात की जा रही है। इसी के शहर साथ यह स्टेशन बहुत पुराने, काफी समय पहले के बने होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें केंद्रीय टर्मिनल कहा जाता है। 19वीं शताब्दी के दौरान सेंट्रल स्टेशन और केंद्रीय रेलवे स्टेशन काफी ज्यादा बनाए गए, जो की शुरुआत में शहरों के बाहरी क्षेत्र में बनाए गए थे। इसी के साथ में शहरी विकास से भी पूरी तरह घिरे हुए थे और स्वयं शहरों के केंद्रों का एक बेजोड़ अंग बन गए थे।
आज भी सेंट्रल स्टेशन को कभी-कभी केंद्रीय रेलवे स्टेशन के नाम से भी पुकारा जाता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। भारत में देखा जाए तो अब तक पांच सेंट्रल स्टेशन है, जिनमें से पहला मुंबई सेंट्रल, दूसरा चेन्नई सेंट्रल, तीसरा त्रिवेंद्रम सेंट्रल, चौथ मंगलौर सेंट्रल और पांचवा कानपुर सेंट्रल स्टेशन है।