गूगल कर रहा है बिना परमिशन यूजर को ट्रैक, लगा ताबड़तोड़ जुर्माना

आज के समय में गूगल सभी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता दिख रहा हैl गूगल से हम आसानी से सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैl गूगल हमारी कई प्रकार की सहायता करता है, जैसे कि गूगल मैप पर हम आसानी से कोई भी रास्ता ढूंढ सकते हैंl गूगल पर ट्रैकिंग लगाकर हम किसी भी जगह तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
तो ऐसा क्या हुआ जो की गूगल पर ही लग गया जुर्माना क्या गूगल को किसी की लोकेशन ट्रैक करने के लिए परमिशन लेनी चाहिए.,क्या आप जानते हैं कि गूगल किसी भी यूजर्स की परमिशन लेता है या नहीं,गूगल ने यह बात बताई है कि यदि यूजर्स अपना लोकेशन डिसएबल कर देता है,तो उसकी लोकेशन ट्रैक नहीं होती हैl लेकिन क्या इस बात में सच्चाई है? आईए जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है।
Google पर किया गया लॉसूट फाइल
कैलिफोर्निया एटॉर्नी जनरल ने लॉसूट फाइल किया,उन्होंने इसमें दावा करते हुए यह बताया कि गूगल कंपनी यह बात झूठ बोलती है कि वह किसी भी व्यक्ति की लोकेशन उसके बिना परमिशन के ट्रैक नहीं करती, परंतु यह बात साफ तौर पर गलत है गूगल लोगों की बिना परमिशन के भी उनकी लोकेशन ट्रैक करती हैl इसके बाद से ही गूगल की जांच शुरू कर दी गई तथा यह जानने की कोशिश की गई कि वाकई गूगल लोगों की बिना परमिशन के उनकी लोकेशन ट्रैक करता है या नहीं. गूगल की पूरी जांच के बाद यह सच सामने आया कि गूगल सच में यूजर्स की बिना परमिशन के उनकी लोकेशन ट्रैक करता है,जिस कारण गूगल को जुर्माना भी देना पड़ा।
गूगल की यह बात साबित हो गई की गूगल यूजर्स के लोकेशन को डिसेबल करने के बाद भी उनकी लोकेशन ट्रैक करता है तथा बिना परमिशन लिए गूगल ऐसा करता है. जिस कारण गूगल को 776 करोड़ का जुर्माना भी भरना पड़ा। इस डाटा का इस्तेमाल गूगल कंपनी अपने फायदे के लिए कर रही थी यह जानकारी भी सामने आती है.
यूजर्स को यह बात का भरोसा दिलाया गया. कि आगे से कभी बिना परमिशन के गूगल ऐसा नहीं करेगा. बिना परमिशन किसी भी यूजर की ट्रैकिंग नहीं की जाएगी।
आखिर क्यों करें गूगल ने यूजर्स की ट्रैकिंग
गूगल अपने इस डाटा का उपयोग अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को और भी बेहतर बनाने के लिए करता है. अपनी मैप और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को बेहतर करने के लिए गूगल इस डाटा का प्रयोग करता है।