दुनिया का 50 प्रतिशत से भी ज्यादा सोना था इसके पास, हज करने निकला तो रास्ते में सोने से भर दी थी सबकी झोली

माली साम्राज्य के राजा मनसा मूसा के पास इतनी दौलत थी कि उसका अनुमान लगाना नामुमकिन सा था। मूसा को इतिहास का सबसे अमीर आदमी भी कहा जाता है। मनसा मूसा(1280-1337) का असली नाम मूसा कीटा प्रथम था. और जब बाद में वह माली की गद्दी पर बैठा तो उसे मनसा कहा जाने लगा। मनसा का मतलब बादशाह या राजा होता है। उसने पहले टिंबकटू का राजा था और बाद में जब वह सोने के बड़े-बड़े भंडार का मालिक बना तो उसने माली की सल्तनत पर राज किया. उस समय देश-दुनिया में सोने की बहुत मांग थी।
मूसा की दौलत
मूसा की दौलत का वैसे तो अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है. लेकिन फिर भी कई लोग कहते हैं कि उसके पास 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। जिसको भारतीय मुद्रा में बदलने पर ये लगभग 3,30,89,58,00,00,000.00 रुपए होते है। जो कि उस समय के हिसाब से एक बहुत बड़ी रकम साबित होती है. उस समय माली साम्राज्य अफ्रीका का सबसे धनी राज्य बन गया था. मूसा को माली साम्राज्य में नमक के खनन के साथ साथ सोने के भंडार भी मिले थे।
मूसा का हज का किस्सा
मूसा ने 1324 ई में मक्का की यात्रा की. कहा जाता है कि करीब 60,000 लोगों ने मूसा के साथ माली छोड़ दिया। उसकी यात्रा से अफ्रीका में काफी हलचल मच गई थी। इस यात्रा के दौरान वह अपने साथ अधिकारियों, मनोरंजन करने वाले, व्यापारियों, दासियों और भोजन बनाने वालों को भी ले गया था। उसकी इस यात्रा में 100 से ज्यादा ऊंट शामिल थे। और प्रत्येक ऊंट पर करीब 300 पाउंड सोना था. और जब मूसा काहिरा में मिस्र के सुल्तान से मिला तो उसने वहां अपनी संपत्ति का प्रदर्शन किया।
उसने काहिरा में इतना सोना बांटा कि 10 साल तक मिस्र में सोने की कीमत बहुत कम रही। इसका वहां की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा। उनकी बेशुमार दौलत के किस्से यूरोप तक भी पहुंच गए थे। मक्का से लौटने के बाद मूसा ने पुन: अपने साम्राज्य का नवनिर्माण कराया। उसने टिंबकटू में कई मस्जिदें और सार्वजनिक इमारतें बनवाई। उसके इन विकास कार्यों के कारण टिंबकटू एक प्रमुख इस्लामिक विश्विद्यालय केंद्र बन गया। मूसा ने इस्लामी जगत के लिए बहुत कार्य किए।