अगर आपने भी लगा रखा है PPF Scheme में पैसा तो हो जाइए सावधान, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

आज के समय में भारत सरकार की ओर से लोगों के फायदे के लिए कई स्कीम चलाई जा रही हैंl और इन स्कीमों को चलाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों की भलाई है l इन स्कीमों के जरिए ही लोग सेविंग और इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं l आइए जानते हैं एक ऐसी स्कीम के बारे में जिसका नाम है पीपीएफ(Public Provident Fund)है l
इस योजना के द्वारा ही लोक सेविंग और इन्वेस्टमेंट के साथ साथ टैक्स छूट का बेनिफिट भी ले सकते हैं l इन योजनाओं में इन्वेस्टमेंट कर अच्छा रिटर्न कमाया जा सकता हैl पीपीएफ में हम लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट कर सकते है l लेकिन इसमें हमें बहुत ही सावधानियां का भी ध्यान रखना पड़ेगा l
अगर आप लंबे समय के लिए पीएफ में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं,तो यह पीपीएफ स्कीम आपके लिए एक अच्छी स्कीम है, साबित हो सकती हैl लेकिन पीएफ में पैसा लगाते समय कुछ सावधानियां का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है l
पीपीएफ (Public Provident Fund)स्कीम
पीपीएफ स्कीम एक लम्बे समय तक चलने वाली स्कीम है l इस स्कीम के द्वारा हमें 15 साल बाद मेच्योरिटी बेनिफिट दिया जाता है l यही कारण है कि लोगों को हर साल इसमें पैसा इन्वेस्ट करना पड़ता है lपीएफ अकाउंट में दिए गए इन्वेस्टमेंट में फिलहाल तो 7.1 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाता है l
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिएl कि पीपीएफ़ स्कीम में हम 1 वित्त वर्ष में ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रूपए का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं l और इसके साथ-साथ लोगों को मिनिमम ₹500 का इन्वेस्टमेंट एक 1 वित्त वर्ष में पीपीएफ अकाउंट में करना अनिवार्य हैl
अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश वित्त वर्ष में ₹500 का भी इन्वेस्टमेंट पीपीएफ स्कीम में नहीं करा पाता है, तो उसको काफी नुकसान उठाना पड़ता हैl क्योंकि इसके कारण अकाउंट बंद कर दिया जाता है,और पीपीएफ़( PPF) अकाउंट की तरफ से मिलने वाले ब्याज पर भी काफी हद तक असर पड़ता हैl
इसके साथ ही हमें दोबारा अकाउंट को खुलवाने के लिए फ़ीस का भुगतान करना पड़ता है l इसलिए लोगों को हर वित्त वर्ष में मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट जरूर पीपीएफ (PPF) मैं जमा करना चाहिए l अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है l