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बनाना है पहलवान जैसा शरीर तो इस्तेमाल करे इस पौधे का पत्ता

हमारे आसपास में ऐसे कई औषधीय पौधे होते है जिनके गुणों के बारे में हमे पता नहीं होता है इन पौधों में बड़ी बड़ी बीमारियों का इलाज छुपा हुआ रहता है। 

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हमारे आसपास में ऐसे कई औषधीय पौधे होते है जिनके गुणों के बारे में हमे पता नहीं होता है इन पौधों में बड़ी बड़ी बीमारियों का इलाज छुपा हुआ रहता है। आपने अक्सर तालाब और अन्य पानी वाली जगह पर हरे रंग के पत्ते तो जरूर देखे ही होन्हे जो पानी में तैरते हुए  नजर आते है इनमें से पत्ते और फूल सेहत के लिए काफी लाभकारी होते है इनमें से एक जड़ी-बूटी जलकुंभी की भी होती है यह पानी वाली जगह पर आसानी से मिल जाता है जो बारिश के मौसम में हर एक जगह पर देखने को मिलती है। जलकुंभी के पेड़ में औषधीय गुण छिपे होते है इनका इस्तेमाल बीमरियों के इलाज में किया जाता है। तो आइए जानते है इसके गजब के फायदों के बारे में जानते है। 

जलकुंभी के 5 फायदे
जलकुंभी को स्कीन के लिए काफी अच्छा माना जाता है एक्जिमा जैसी स्कीन समस्या के लिए इस पौधे का इस्तेमाल किया जाता है कई स्कीन केयर प्रोडक्ट में इस पौधे का इस्तेमाल होता है। 
जलकुंभी को पेट की समस्या के लिए काफी लाभकारी माना जाता है यह डाइजेशन की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को जलकुंभी की फलियों का सेवन करना चाहिए। यह जड़ी-बूटी दस्त, मतली, और पेट फूलने के इलाज के लिए भी जानी जाती है। आयुर्वेद में भी पेट के लिए इसे बेहद लाभकारी माना गया है। 
जिन लोगो को है कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनके लिए जलकुंभी काफी ज्यादा लाभकारी होता है। जलकुंभी की फलियों के हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक नामक गुण मौजूद होता है को कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है। 
गले की खराश हो या कान से जुड़ी हुई कोई समय जलकुंभी काफी फायदेमंद होता है इसके अर्क से बने ओषधि का इस्तेमाल गले की खराश को दूर करने के लिए किया जाता है। 
महिलाओं के लिए जलकुंभी अमृत समान है। खासतौर से जलकुंभी को स्तनपान को बढ़ावा देने में काफी मददगार होता है। उबली हुई जलकुंभी की फलियों का सेवन महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी है। इस जड़ी-बूटी के फूल अनियमित पीरियड्स की परेशानी से निजात मिलता है। 

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