जिंदगी में पाना चाहते हो सफलता, तो आज ही गीता के इन 5 उपदेशों को जान ले

हिंदू धर्म हो या कोई भी धर्म सब धर्मों से जुड़े कुछ पावन ग्रंथ हमें अपने जीवन में बड़ी-बड़ी बातें सिखाते हैं। हिंदुओं का सबसे पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता को माना जाता है। मनुष्य को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए उसका पूरा सार इस ग्रंथ में विस्तार पूर्वक दिया हुआ है। अब मनुष्य उन बातों का किस हद तक पालन करता है और किस तरह से अपने जीवन में उन्हें अपनाता है यह तो उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सफल बना जाता है लेकिन उसके लिए मेहनत नहीं करना चाहता। लेकिन हमारे ग्रंथ हमें जीवन में सफल होने का प्रत्येक रास्ता बताते हैं आज हम ऐसी ही पांच बातें या कहे गीता के पांच उपदेश बताने जा रहे हैं जिन्हें यदि आप अपने जीवन में पढ़ना शुरू कर देंगे तो सफलता आपके पीछे भागेगी।
आखिर कौन से हैं गीता के वे पांच उपदेश जिनको आप रोज पढ़ें तो अपनी हर परेशानी का जवाब बिना कुछ किए ही आपको घर बैठे मिल सकता है। तो चलिए जान लेते हैं गीता के वे पांच उपदेश
1- अच्छे और बुरे दोनों वक्त को स्वीकार करें
इंसान अपनी अच्छे वक्त में बहुत ज्यादा खुश हो जाता है और उसे धूमधाम से मनाता है लेकिन अपना बुरा वक्त अपना ना कोई नहीं चाहता। भगवत महापुराण के अनुसार यदि इंसान अच्छा और बुरा दोनों ही वक्त एक समान रूप से स्वीकार करें तो उस मनुष्य के जीवन में कभी भी कोई समस्या नहीं आती बल्कि वह धीरे-धीरे सफलता की और अपने आप बढ़ जाता है।
2- क्रोध पर रखे नियंत्रण
ऐसा तो आपने बहुत बार सुना होगा कि गुस्सा हमारा हर काम बिगाड़ कर रख देता हैं। ऐसा ही कुछ श्रीमद्भागवत पुराण में भी कहा गया है कि काम, क्रोध और लोग इंसान का ही नहीं बल्कि उसकी आत्मा तक का नाश कर देता है। यदि आप अपने मार्ग से भटक रहे हैं और गुस्से में कुछ गलत कदम उठाते हैं इसका मतलब यही है कि आप अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। भगवत गीता में बताए गए तार के अनुसार यदि जो व्यक्ति अपने गुस्से को पीना सीख जाता है तो वह अपने जीवन की सबसे ऊंची सफलता की सीढ़ी पर पहुंच जाता है।
3- कल की चिंता ना करें
अपने आज में जीने वाले व्यक्ति हमेशा खुश रहते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने बीते हुए कल को लेकर हमेशा रोते पीटते रहते हैं उन्हें सफलता तो क्या कभी कुछ अच्छाई भी हाथ नहीं लगती। इसके विपरीत कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो आने वाले कल को लेकर बहुत ज्यादा चिंता में रहते हैं ऐसे में वह अपना आज भी नहीं जी पाते हैं और हमेशा रोते रहते हैं। ऐसे लोगों को सफलता कभी भी हाथ नहीं लगती है।
4- ध्यान यानी मेडिटेशन
जो लोग अपनी आत्मा को पहचान लेते हैं और अपनी आत्मा से मिल लेते हैं वे कभी भी किसी को लेकर ना तो दुखी होते हैं और ना ही कभी किसी के बारे में सोचते हैं। अपनी आत्मा से मेल का केवल एक ही रास्ता है और वह है ध्यान जिसका अर्थ होता है मेडिटेशन। जो व्यक्ति अपने जीवन में ध्यान लगाना सीख जाते हैं उनके पास सफलता खुद अपने आप चलकर आती है।
5- परिवर्तन को अपनाना
संसार में होने वाला परिवर्तन एक सबसे बड़ा नियम है जिसके अनुसार पृथ्वी पर बहुत बड़े बड़े बदलाव होते रहते हैं। जैसे एक मौसम के बाद दूसरा मौसम आना दिन के बाद रात और गर्मी के बाद ठंड जरूर आती है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में भी बहुत बड़े बड़े और छोटे छोटे परिवर्तन रोज आते हैं जिनको अपना ना एक मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। क्योंकि यदि व्यक्ति संसार के परिवर्तन को नहीं अपनाता है तो वह दुखी रहता है ऐसे में सफलता तक वह कभी नहीं पहुंच पाता।
हमने आज आपको गीता के पांच ऐसे उपदेश बताएं जिनको यदि आप अपने जीवन में अपना लेते हैं तो सफलता आपके कदमों के नीचे खुद चलकर आती है कभी आपको उसके पीछे भागना नहीं पड़ेगा। सबसे मुख्य बात यह है कि गीता के उपदेशों के अनुसार चलने से जीवन में परिवर्तन को इंसान जल्दी अपना लेता है और ऐसे में उसका स्वभाव शांत और सरल हो जाता है जिसकी वजह से वह संसार का सबसे बेहतर मनुष्य बन जाता है।