Indian Railway : चोरी, लूट और छीना-झपटी जैसी घटनाओं से यात्रियों को राहत पहुंचाने ने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला,

आजकल रेलवे स्टेशन और अन्य किसी भीड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चोरी और छीना-झपटी जैसे अपराध देखने को मिलते है वहीं रेलवे ने इनकी रोकथाम के लिए कई तरह की योजनाए चलाई जा रही है। लेकिन आपराधिक घटनाओं कम होने का नाम भी नहीं ले रही है। ऐसे बहुत से लोग है जो एक बार नहीं बल्कि बार चोरी, लूट और छीना-झपटी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
इन लोगो को पुलिस द्वारा पकड़ा जाता है। और सजा काटकर या जमानत पर आकर ये फिर से अपराध करना शुरू कर देते हैं। अब ऐसे ही आदतन अपराधियों पर नकेल कसने को सेंट्रल रेलवे ने 364 रेलवे स्टेशनों पर फेस रिकग्निशन कैमरे यानी चेहरा पहचानने वाले कैमरे लगाने का फैसला किया है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए रेलवे बोर्ड ने इसके लिए रेलटेल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर साइन किया है। इससे फेस रिकग्निशन सिस्टम, वीडियो एनालिटिक्स, वीडियो मैनेजमेंट सिस्टम वाले कैमरों के साथ पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को बढ़ाया जाएगा। और इन कैमरों का फायदा ये होगा कि अगर किसी व्यक्ति का पहले से क्रिमिनल रिकॉर्ड है या जिसकी तलाश में पुलिस है, इन कैमरों की सहायता से आसानी से पकड़ा जाएगा।
पहले से आए व्यक्ति की करे पहचान
ये कैमरे हर उस व्यक्ति को पहचान करते है। जिसका चेहरा पहले से डेटाबेस में रिकॉर्ड किया गया है। जैसे ही वे किसी स्टेशन में प्रवेश करते हैं, तो प्रशासन को ज्ञात अपराधियों की उपस्थिति के बारे में तुरंत सचेत कर देते हैं, वे चेहरे के विभिन्न हिस्सों, जैसे रेटिना या माथे की पहचान कर सकते हैं।
30 दिन तक डेटा रहेगा स्टोर
आपको बता दे, सेंट्रल रेलवे फेस रिकग्निशन के लिए HD और 4K कैमरे लगाए जाने है वहीं एचडी कैमरा हर महीने 750 जीबी डेटा की खपत करता है, जबकि 4K कैमरे प्रति माह 3TB डेटा की खपत करते हैं.और वीडियो फुटेज को घटना के बाद के विश्लेषण, प्लेबैक और जांच उद्देश्यों के लिए 30 दिनों तक स्टोर किया जाएगा।