ISRO निधि अब तक की सबसे बड़ी जानकारी, आदित्य L-1 ने शुरू किया डाटा कलेक्शन

इसरो द्वारा कहा गया हॉकी सुपर थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर यानी STEPS उपकरण के सेंसर को सूर्य यह पर भेजा गया है और इस सेंसर ने पृथ्वी से 50 किलोमीटर दूरी पर जाकर अपने आसपास के ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को माप कर वैज्ञानिकों को भेजना शुरू कर दिया है।
यह एक ऐसा उत्तर है जो वैज्ञानिकों को आसपास के जितने भी गण है उनका व्यवहार जानने में मदद करता है। इसरो द्वारा यह भी बताया गया है कि, सुपर थर्मल एक ऐसी घटना को एक इंगित करता है। जिसमें एक बराबर मात्रा की ऊर्जा जुड़ी होती है। STEPS एक ऐसा उपकरण है जो कि सोलर विंड पार्टिकल्स को पोलाइट में जानने के लिए एक हिस्सा है।
STEPS में है यह सेंसर शामिल
वैज्ञानिकों की मानें तो STEPS के अंतर्गत 6 सेंसर शामिल किए गए हैं जो की अलग-अलग जगह का परीक्षण करता है और सुपर थर्मल और ऊर्जावान आयनों को उसी समय नाप लेता है। पृथ्वी के आसपास घूम रहे सभी कानों को मापने के लिए निम्न और उच्च ऊर्जा करण को मापने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है।
10 सितंबर को पृथ्वी से 50 किलोमीटर अधिक दूर यह STEPS कार्यरत था जिसके चलते यह पता लगाया गया है कि इतनी दूरी पृथ्वी की तीन गुना से भी ज्यादा के बराबर है। इस सेंसर को इसरो स्पेस एप्लीकेशन सेंटर का समर्थन लेकर भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में बनाया गया था। आदित्य L1 एग्जामिनेशन पूरे चरण में कार्यरत रहेगा क्योंकि यह पृथ्वी एल 1 बिंदु की और अग्रसर होगा।
जब अंतरिक्ष यान अपनी तय की गई जगह पर पहुंच जाएगा तब भी यह L1 अपने आसपास से डाटा इकट्ठा करेगा, और हवा की स्पीड अंतरिक्ष का मौसम और वहां की घटना की उत्पत्ति किस तरह हुई। वहां की एनिस्ट्रॉपिक दृष्टि किस प्रकार की है वह सभी प्रदान करेगा।