मसाले का रेट बढ़ने से गड़बड़ाया रसोई का बजट

कुछ समय पहले हमने देखा कि टमाटर 20 से सीधा 250 रुपए प्रति किलो चले गए। हम सच में पड़ गए कि बिना टमाटर के आखिर सब्जी कैसे बनाएं? लेकिन टमाटर को रास्ते पर आने के लिए डेढ़ महीने का ही समय लगा। लेकिन अब स्वाद को बेस्वाद बनाने के लिए मसलों ने नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं। रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ ऐसे मसले जिनका दाम दुगना हो गया है। जिससे रसोई का बजट पूरा हिल गया है। इतना ही नहीं होटल और चाट पकौड़ी के ठेली लगने वाले लोगों पर भी इसका असर गहरा हुआ है।
जब दम प्याज और टमाटर के बड़े तो संसद में इसके लिए खूब चर्चा होती थी। लेकिन जहां मसाले के दम बड़े तो वहां पर कोई चर्चा ही नहीं है। पिछले दिनों का देखा जाए तो इलायची में बहुत सी कीमत का इजाफा हो गया है, जो की ₹1300 प्रति किलो बढ़ गई है। इसी के साथ छोटी इलायची जो की ₹2200 प्रति किलो थी वह ₹3500 किलो हो गई है।
इस मसले के बढ़े अत्यधिक दाम
जीरे के बिना के बिना तड़के का स्वाद ही नहीं आता। वहीं अगर हम बात करें छाछ या रायते की तो उसमें जीरा ना डाले तो उसका स्वाद ही पता नहीं चलता। वही जीरे की कीमत 2 महीने के अंदर-अंदर ₹400 से बढ़कर ₹800 प्रति किलो हो गई है।
आम ग्रहणियों की मुश्किलें अचानक बड़े हुए मसाले के दम से बढ़ गयी है। ग्रहणियों का कहना है कि हमने जो चोरी चुपके थोड़े-थोड़े पैसे जमा किए थे, वहीं सरकार ने जरूरी मसाले की कीमतों को बढ़ाकर हमसे ले लिए। अब हमें मसाले की सब्जियों में कटौती करनी पड़ रही है। सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।
इन मसाले की कीमत बढ़ रही है पिछले दो महीना से
अगर बात करें तो पिछले दो महीना से बहुत से मसाले में कीमतों का इजाफा हुआ है जीरा ₹400 से बढ़कर ₹800 किलो हो गया है। वहीं काली मिर्च में ₹600 से बढ़कर ₹900 के प्रति किलो हो गई है। छोटी इलायची का रेट ₹2200 से ₹3500 चला गया और सौफ ₹300 से 350 रुपए किलो हो गई है साबुत मिर्च 250 से बढ़कर 360 प्रति किलो पहुंच गई है। हल्दी ₹120 से 190 रुपए प्रति किलो तक चली गई है
मिश्रित मसाले के भी बढ़े रेट
मिश्रित मसाले के भी रेट पर असर पड़ा है। जैसे की चाट मसाला 68 रुपए से बढ़कर ₹85 हो गया है, और किचन किंग 72 से 92 रुपए तक चला गया। इसके अलावा चना मसाला 68 रुपए से 85 और कसूरी में की 24 रुपए से ₹30 की हो गई है।