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मैकेनिकल इंजीनियरिंग छोड़ कर शुरू किया फ़ूड स्टॉल का काम, आज कमा रहे है लाखों रुपए

हम बात कर रहे हैं पीलीभीत के निवासी नंद किशोर कश्यप की जो लंबे समय तक केबल (डिश) मकैनिक का काम ही क्या करते थेl लेकिन लॉकडाउन के चलते किन्हीं परिस्थितियों के कारण उनका काम छूट गया थाl
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mechanical engineering

कोरोनाकाल के समय लगा लॉकडाउन कई लोगों के लिए अभिशाप बन गया थाl क्योंकि कॅरोना काल के दौरान सभी लोग अपने काम से हाथ धो बैठे थेl जिसके कारण उन्हें अनेकों समस्याओं का भी सामना करना पड़ाl वहीँ दूसरी और कई लोग इस दौरान आत्मनिर्भर भी बनेl आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने इंजीनियर छोड़ शुरू किया खाने का काम

शुरू किया खाने का काम

हम बात कर रहे हैं पीलीभीत के निवासी नंद किशोर कश्यप की जो लंबे समय तक केबल (डिश) मकैनिक का काम ही क्या करते थेl लेकिन लॉकडाउन के चलते किन्हीं परिस्थितियों के कारण उनका काम छूट गया थाl ऐसे में इंटरनेट का सदुपयोग करते हुए उन्होंने फास्ट फूड(Fast food) बिजनेस में रिसर्च करना शुरू कर दिया थाl जिससे वह फास्ट फूड का काम शुरू कर सकेl और यही इंटरनेट नंदकिशोर के लिए वरदान से कम नहीं रहा

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नंदकिशोर जी को शुरू से ही खाना बनाने का बहुत शोक हुआ करता था इसलिए इंटरनेट से धीरे-धीरे खाना सीखकर उन्होंने रेसिपी और सेटअप (SETUP) तैयार किया,और लॉकडाउन समाप्त होने पर उन्होंने अपने शहर में ही अपना स्टॉल शुरू किया, उनके fast food  को लोगों ने बहुत पसंद किया, इतना ही नहीं सोशल मीडिया के माध्यम से नंदकिशोर जी ने अपने खाने के स्टॉल का प्रचार भी करायाl

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नंदकिशोर जी के खाने के दीवाने हुए सभी लोग  जगह

आज के समय में ज्यादातर तो लोग बाहर का फास्ट फूड खाना ही पसंद करते हैl ऐसे में नंदकिशोर जी का फास्ट फूड स्टॉल लोगों के लिए वरदान साबित हुआ, लोगों को उनके खाने का स्वाद बेहद ही अच्छा लगने लगा,आज के समय मे नंद किशोर का देसी फास्ट फूड स्टॉल शहर के सबसे प्रसिद्ध खाने के ठिकानों में से एक हैl यदि व्यक्ति के मन में दृढ विश्वास हो तो वह व्यक्ति किसी भी परिस्थितियों में क्यों ना हो अपने लिया राह आसानी से ढूढ़ ही लेता हैl

 नंदकिशोर जी लोगों के लिए बने मिसाल

आप जानते हैं कि नंदकिशोर जी एक केवल( डिश) मैकेनिक इंजीनियर रह चुके हैंl लेकिन उन्होंने इंटरनेट की सहायता से शुरू किया खाने का काम जिससे लोग करने से भी शर्माते हैंl लेकिन नंदकिशोर जी की मेहनत और लगन आज की जनरेशन के लिए एक मिसाल के रूप में सामने आई हैl