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विवाह में आती है परेशानियां? इस गुरुवार से करें भगवान विष्णु के व्रत! जाने नियम, विधि और व्रत के लाभ

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विवाह में आती है परेशानियां? इस गुरुवार से करें भगवान विष्णु के व्रत! जाने नियम, विधि और व्रत के लाभ

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु देव बृहस्पति की पूजा के विधान का दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि गुरुवार के दिन व्रत रखने से विवाह से संबंधित परेशानियों का तो समाधान होता ही है। इसके अलावा घर में धन समृद्धि वैभव लक्ष्मी की प्राप्ति भी होती है। गुरुवार का व्रत करने से घर में मांगलिक कार्य होते हैं। बल्कि लड़का और लड़की के विवाह के योग भी बनते हैं।

 ऐसे में गुरुवार का व्रत करना बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर आपके घर में भी कोई मांगने की लड़का या लड़की है और उसके विवाह में परेशानी आ रही है। उसके लिए आपको गुरुवार का व्रत करना बहुत शुभ होगा। आइए जानते हैं कि गुरुवार का व्रत कब से शुरू किया जाता है और कितने व्रत का नियम लेते हैं इसकी पूजा विधि क्या है?

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शुरू करें गुरुवार का व्रत

गुरुवार का व्रत अगर आप करना चाहते हैं तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को इस व्रत का शुभारंभ करें। आप गुरुवार के व्रत की शुरुआत केवल पोष महीने को छोड़कर साल के किसी भी महीने में इस व्रत को शुरू कर सकते हैं। पोष महीना गुरुवार के व्रत करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

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कितने गुरुवार का व्रत करे

गुरुवार के व्रत भगवान विष्णु और बुध देव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से घर के अंदर मांगलिक कार्य अर्थात लड़का और लड़की के विवाह में अगर किसी तरह की परेशानी आ रही है तो उनका निवारण मिलता है। 

गुरुवार का व्रत लगातार 16 व्रत करने का नियम लेना सही होगा। 17 वे व्रत के व्रत के दिन आप इस व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। कई बार मासिक धर्म की वजह से महिला पूजा नहीं कर पाती है तो आप अगले गुरुवार से इस व्रत को जारी रख सकते हैं। गुरुवार का व्रत 1,3,5,7,9,11साल या आजीवन भी रखा जा सकता है।

गुरुवार के व्रत की पूजा विधि का तरीका

गुरुवार के व्रत के दिन पूजा विधि करने के लिए आपको सबसे पहले सूर्य उदय से पहले स्नान आदि क्रिया से निवृत्त होकर पीले वस्त्र पहनना जरूरी है। गुरुवार के व्रत के दिन पीले वस्त्र का विधान शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु और गुरुदेव बृहस्पति की पूजा करने के लिए आप उनकी तस्वीर के पास या फिर के लेके पौधे में घी का दीपक लगाकर 16 दिन का संकल्प करें। आपको पूजा वाले स्थान पर एक पानी और हल्दी डालकर कलश भी स्थापित करना होगा।

गुरुवार के व्रत में पीले रंग वाले फूल, वस्त्र फल, पीले चावल सभी चीजें भगवान विष्णु को अर्पित करना शुभ होता है। पूजा शुरू करने के बाद भगवान बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र का भी जाप करें।

भगवान विष्णु को गुड़ और चने की दाल अति प्रिय है इसीलिए इस का भोग लगाना गुरुवार के व्रत के दिन बहुत शुभ होता है। पूजा विधि संपन्न होने के बाद में आपको गुरु भगवान की कथा का पाठ करना जरूरी है और अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।

गुरुवार के व्रत के दिन केले के पेड़ के नीचे की पूजा का बहुत विधान बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि केले के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु का निवास होता है। इसीलिए जो कलश आपने हल्दी और पानी का भर कर रखा है। उसको केले की जड़ में डाल दे।

गुरुवार का व्रत करने के लिए आपको बिना नमक का भोजन करना सही होगा और इस दिन पीला ही भोजन करें।

गुरुवार के दिन पूजा करने के बाद में आपको पीले कपड़े पीला अनाज हल्दी के लिए आदि का दान पुण्य भी करना होगा। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा आप पर बनी रहेगी।