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उत्तराखंड के हिल स्टेशन ऋषिकेश और मंसूरी से भी खूबसूरत है ये जगह…! दिल्ली से मात्र 370 किलोमीटर की दूरी पर

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उत्तराखंड के हिल स्टेशन ऋषिकेश और मंसूरी से भी खूबसूरत है ये जगह…! दिल्ली से मात्र 370 किलोमीटर की दूरी पर

अगर आप गर्मियों की छुट्टी में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस बार आप उत्तराखंड के श्रीनगर का टूर जरूर देखना। यह वह खूबसूरत जगह है जो आपका मन मोह लेगी। जैसे धरती पर जम्मू कश्मीर का स्वर्ग श्रीनगर है। उसी तरह से उत्तराखंड का श्रीनगर भी टूरिस्टो के लिए जन्नत से कम नहीं है। आप अगर एक बार इस जगह घूमने के लिए चले जाएंगे तो आप ऋषिकेश और मंसूरी को भी भूल जाएंगे।

 श्रीनगर टूरिस्ट में बहुत सारी अच्छी अच्छी जगह घूमने की है आप यहां पर आसानी से घूमने का प्लान बना सकते हैं। अगर आप दिल्ली एनसीआर में घूमना चाह रहे हैं तो आपको बता दें कि इस की दूरी दिल्ली से लगभग 370 किलोमीटर पड़ेगी। आप चाहे तो बस के द्वारा भी ऋषिकेश या हरिद्वार जा सकते हैं। वहा से आप कोई भी टैक्सी अब बस पकड़कर उत्तराखंड के श्रीनगर जगह पर पहुंच सकते हैं। 

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ऋषिकेश से श्रीनगर लगभग 109 किलोमीटर की दूरी पर है ऋषिकेश में भी आप कीर्ति नगर जगह पर घूम सकते हो। यह गांव पुलिस चेकिंग के लिए बहुत अच्छा है। इसके अलावा यहां की प्राकृतिक सुंदरता को भी आप देख सकते हैं। लोग जो बाहर से घूमने के लिए आते हैं। वह स्थानीय परिवेश और संस्कृति से भी कामना करते हैं। जो कि अपने आप में अलग ही पहचान लिए हैं यह गांव मेन सिटी से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। और यह अलकनंदा नदी के किनारे पर बसा हुआ है।

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आप इस जगह पर पहुंचकर हिमालय के बहुत खूबसूरत नजारे देख सकते हैं। टूरिस्ट लोग श्रीनगर के मेन मार्केट में भी घूमने जा सकते हैं। अगर आप किसी सुंदर जगह श्रीनगर के खूबसूरत नजारे देखना चाहते हैं तो वह श्रीनगर का वैली व्यू प्वाइंट है। आपको इस जगह से पूरे श्रीनगर के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।

यहां पर आप फोटोग्राफी और बेहतरीन रियली बना सकते हो। श्रीनगर में टूरिस्ट धारी देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए भी आते हैं। धारी देवी का मंदिर बदरीनाथ रोड पर श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच में स्थित है। श्रीनगर से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर मलेथा गांव है। यहां पर भी आप जाकर गांव की प्राकृतिक खूबसूरती देख सकते हो। यहां का वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता आपको वहां से आने भी नहीं देगी। यह एक ऐसा ऐतिहासिक गांव है जो कि माधव सिंह भंडारी की बहादुरी के लिए लोग जानते हैं और इतिहास के पन्नों में का नाम भी लिखा हुआ है।