प्लेटफॉर्म 1 से 2 पर जाने के लिए करना पड़ता है रिक्शा, जाने कौन सा है यह स्टेशन?

भारत में रेलवे का नेटवर्क एक बहुत ही प्रचलित है जो की एक विशेष स्थान भी रखता है। लगातार भारतीय रेलवे बहुत बड़ा नेटवर्क बना रहा है और छोटे से छोटे गांव काशन और शहरों को आपस में जोड़ रहा है। कोने-कोने से जुड़े रहने के लिए रेलवे नेटवर्क एक बहुत ही फेमस और सुविधाजनक भी है। इस नेटवर्क के अंतर्गत एक ऐसा यूनिक रेलवे स्टेशन है जहां पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए रिक्शा करने की जरूरत पड़ती है। आखिर ऐसा क्यों और कहां है यह स्टेशन? आज हम अपनी इस लेख में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे तो आईए जानते हैं।
बिहार का एक रेलवे स्टेशन जहां पर दो प्लेटफार्म के बीच की दूरी तकरीबन 2 किलोमीटर की है। कारणवरश यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और मशक्कत के बाद एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए रिक्शा करना पड़ता है। और आपकी ट्रेन एक नंबर से छुटनी है तो 2 किलोमीटर की दूरी का यह स्टेशन आपको पागल कर देगा।
क्या है इस अनोखे स्टेशन का नाम और कहां है यह स्टेशन?
भारत के बिहार राज्य में स्थित बेगूसराय जिले में बना हुआ एक रेलवे स्टेशन जिसका नाम बरौनी है। वहां प्लेटफार्म नंबर एक है ही नहीं। अगर आप वहां ढूंढने की कोशिश भी करते हैं तो एक नंबर प्लेटफार्म आपको कभी नहीं मिलेगा। वैसे तो इस स्टेशन पर जो प्लेटफार्म उपलब्ध है, लेकिन प्लेटफार्म की संख्या दो से ही शुरू होती है। अनाउंसमेंट भी की जाती है तो केवल प्लेटफार्म दो के नाम से ही अनाउंसमेंट होती है। इस स्टेशन का इतना अनोखा होने का कारण है। यहां पर एक समय पर इकलौता रेलवे कनेक्शन हुआ करता था। जो की पटना में एकमात्र था यह एक विचित्र रेलवे स्टेशन है। जहां पर आपको प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। बरौनी स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर का एक अलग थलक और विचित्र रेलवे स्टेशन है।
क्या कारण है प्लेटफार्म नंबर 1 न होने का
जानकारी के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि, इस स्टेशन का निर्माण 1883 में अंग्रेजों ने करवाया था। जब स्टेशन बनाया गया था वहां पर 1 नंबर प्लेटफार्म की शुरुआत हुई थी। लेकिन ज्यादातर इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल केवल मालगाड़ियों को रखने के लिए किया जाता था। जिस कारण यहां पर कोई दूसरी गाड़ियां नहीं आती थी और बाकी प्लेटफार्म को इससे दूर बनाया गया था।