1 दिन में दो महासंयोग: गंगा दशहरा व हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बड़ा मंगल..! इस मुहूर्त में करें स्नान मिलेगा सभी पापों से मुक्ति का रास्ता

गंगा दशहरा हर साल 6 माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरे को मोक्षदायिनी दशहरा भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की जटाओं से मां गंगा का प्राकट्य इसी दिन हुआ था। इसीलिए इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन उपवास करने और गंगा स्नान का बड़ा महत्व बताया है। गंगा दशहरे के दिन ना केवल पाप धोते हैं। बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी होती है गंगा दशहरे वाले दिन एक बड़ा योग और बनने जा रहा है। उसको बड़ा मंगल कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान कि इस बार डबल कृपा मिलने वाली है हनुमान जी की कृपा बरसना गंगा दशहरे वाले दिन निश्चित है।
इस साल गंगा दशहरा और साल का आखिरी बड़ा मंगल एक ही दिन में दोनों बड़े उत्सव मनाया जाएंगे इस दिन किए गए पुण्य उपवास रखने से डबल मिलने वाले हैं सभी श्रद्धालु मां गंगा की पूजा के साथ में हनुमान जी की भी पूजा करेंगे तो उनके लिए बहुत ही शुभ होगा अब यहां आपको बताने वाले हैं कि आखिर किस दिन गंगा दशहरा में बड़ा मंगल पड़ने वाला है और उसकी शुभ मुहूर्त पूजा का क्या लाभ है।
किसी योग तिथि में बनने जा रहा है गंगा दशहरा
2023 में गंगा दशहरा 30 मई को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा मंगलवार को सिद्धि योग भी बनने जा रहा है मां गंगा के पूजा के साथ-साथ भगवान शिव ब्रह्मा सूर्य राजा भगीरथ हिमालय पर्वत की भी पूजा का बड़ा विधान बताया गया है इसके अलावा इस दिन बड़ा मंगल भी रहेगा तो उसका फल भी सभी लोगों को मिलेगा और हनुमान जी की लोगों पर विशेष कृपा बनी रहेगी।
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा दशहरा जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है जो कि इस साल 29 मई 2023 को सुबह 11:49 से शुरू होगी और यह अगले दिन 30 मई को दोपहर 1:07 की जो कि धर्म शास्त्रों में उदया तिथि का विधान बताया गया है इसीलिए ज्योतिष के अनुसार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा।
इस नक्षत्र में स्नान करने से मिलेगा सब पापों से नाश
मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा हस्त नक्षत्र का विशेष महत्व वाला होता है अगर हस्त नक्षत्र के दौरान आप गंगा में दुखी लगाते हैं तो आपके सभी पापों का नाश हो जाता है 10 पापों का नाश करने की वजह से इस को दशहरा कहा जाता है इसमें से 3 दैहिक, 4 वाणी से हुए पाप, तीन मानसिक आप इसमें शामिल किए गए हैं। इन सभी बातों में झूठ बोलना हिंसा करना कड़वा बोलना पर स्त्री गमन दूसरों की निंदा करना दूसरों के हित के बारे में सोचना इन सभी को शामिल किया गया है।