बुध पूर्णिमा 2023 कब है…! इसका महत्व व नियम क्या है?

बुध पूर्णिमा 2023- बुद्ध पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान बुध का जन्म हुआ था। इसीलिए इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। ऐसा ज्योतिष का मानना है बुद्ध पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी नारायण और चंद्र देव की पूजा आराधना की जाती है।
बुध पूर्णिमा के दिन किए गए दान पुण्य का बहुत बड़ा महत्व है। हमारे यहां बुध पूर्णिमा का खास महत्व आइए जानते हैं कि बुद्धपूर्णिमा या वैशाख की पूर्णिमा का क्या महत्व है, और बुद्ध पूर्णिमा 2023 कब है, इसके नियम और महत्व की पूरी जानकारी यहां इस लेख में।
बुद्धपूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा 2023 कब है?
बुध पूर्णिमा 2023- बुद्ध पूर्णिमा वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को आती है। मुख्य रूप से यह मई के महीने में या अप्रैल के महीने में हिंदू कैलेंडर के अनुसार आती है। इस साल बुद्धपूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी। इस दिन दान पुण्य का बड़ा महत्व है। इसके अलावा गंगा स्नान का भी बहुत महत्व बताया गया है।
ऐसा कहा जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन अगर गंगा में स्नान कर लिया जाता है तो व्यक्ति को उसके पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। और उसके घर में भगवान विष्णु लक्ष्मी जी के साथ सदैव विराजमान होते हैं। इस साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है।
वैशाख बुद्ध पूर्णिमा 4 मई को रात 11:45 से शुरू होगी। और 5 मई को रात 11:29 तक यह तिथि रहने वाली है। कुल मिलाकर बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को ही मनाई जाएगी।
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बुध पूर्णिमा 2023 पर लगने वाला है पहला चंद्र ग्रहण
बुद्ध पूर्णिमा के दिन इस बार चंद्रग्रहण पढ़ने जा रहा है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं दिखाई देगा। यह विदेशों में ही मान्य होगा। यहां पर चंद्रग्रहण ना होने की वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को 8:45 से शुरू होगा जो कि रात को 1:00 बजे तक रहेगा चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है क्योंकि भारत में चंद्र ग्रहण का असर नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां पर चंद्रग्रहण नहीं पड़ने वाला है।