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भारत में किस शख्स ने सबसे पहले कार खरीदी थी? जानिए उस व्यक्ति का नाम

आज के समय हर दिन बहुत सारे कार लोग कार खरीदते हैं, लेकिन एक ऐसा भी समय था जब बहुत कम लोगों के पास कार हुआ करता था। इसी वजह से आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने भारत में सबसे पहले कार ख़रीदा था। उस व्यक्ति के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है तो चलिए अब हम उसके बारे में जानते हैं।

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Car

हमारा देश ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस में इसका अलग ही नाम है। ऑटोमोबाइल का काम भविष्य में और भी बढ़ाने के पूरे चांस लगाए जा रहे हैं। क्या आप जानते हैं हमारे देश में ऑटोमोबाइल का बिजनेस किस तरह से शुरू हुआ? देश में सबसे पहले कर कैसे बनी? हमारे देश में सबसे पहले कर खरीदने वाला कौन सा व्यक्ति था? और उसने कौन सी कर खरीदी थी? यह सभी चीज दिमाग में आपके जरूर आई होगी तो आज हम आपको इस लेकर माध्यम से इन्हीं सब सवालों के जवाब बताने वाले हैं।

जब भी कोई बड़ा सेलिब्रिटी महंगी और अच्छी कर खरीदना है तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा सभी लोगों तक पहुंच जाती है। लेकिन पहले के समय में सबसे पहले कर कौन से व्यक्ति ने खरीदी उसके बारे में लोग नहीं जानते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि भारत का सबसे पहले कार किसने लिया था।

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मेड इन इंडिया पहली कार

भारत में बनने वाली पहली मेड इन इंडिया कर हिंदुस्तान एम्बेसडर की थी। यह कर यूके के मॉरिस ऑक्सफोर्ड पर बनी हुई थी। मॉरिस मोटर्स यूके की टेक्नोलॉजी की सहयोग से कोलकाता में बनाया गया था। उसके बाद में यह हिंदुस्तान मोटर्स का ब्रांड एंबेसडर बन गया। सन 1948 में इसको बनाकर तैयार किया था। हिंदुस्तान मोटर में गुजरात में इसका काम शुरू किया था। उसके बाद में इसको कोलकाता पश्चिम बंगाल में भी ट्रांसफर कर दिया था।

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पहली कार खरीदने वाला व्यक्ति

हमारे देश में पहली कर खरीदने वाले व्यक्ति श्री जमशेदजी टाटा पहले भारतीय नागरिक थे। सन 1897 के अंदर भारत में पहली कार क्रम्पटन ग्रीव्स बॉस, जो की एक अंग्रेज व्यक्ति के पास में थी। इस के दूसरे साल इस कर को श्री जमशेदजी टाटा ने खरीद लिया और देश के पहले कर खरीदने वाले नागरिक बन गए। आज टाटा जमशेद जी को कौन नहीं जानता है वह टाटा ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष है।

सालाना कारोबार 16 लाख करोड़

रतन टाटा ग्रुप का समूह का सालाना टर्नओवर 16 लख रुपए से भी अधिक का है। जब यह टाटा समूह के पांचवें डायरेक्टर के रूप में बने थे अर्थात रतन टाटा ग्रुप में शामिल हुए थे तो इनका सालाना कारोबार लगभग 10000 करोड रुपए का था। लेकिन अब हाल ही में इनका सालाना टर्नओवर बढ़कर 16 लाख करोड रुपए से भी अधिक का हो गया है। कंपनी हर साल 500 करोड रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी कर रही है।