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क्या आपलोग बिहार के सबसे अनोखा रेलवे स्टेशन के बारे में जानते है? जिसका प्लेटफॉर्म नम्बर 1 और 2 के बीच की दुरी 2 किलो मीटर है

कभी हम लंबे सफर पर जाने की सोचते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में भारतीय रेलवे का ही ख्याल आता है। आपको बता दे कि भारतीय रेलवे का नेटवर्क एशिया में सबसे बड़ा नेटवर्क है और दुनिया में यह चौथे नंबर पर आता है।
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railway station of Bihar

जब कभी हम लंबे सफर पर जाने की सोचते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में भारतीय रेलवे का ही ख्याल आता है। आपको बता दे कि भारतीय रेलवे का नेटवर्क एशिया में सबसे बड़ा नेटवर्क है और दुनिया में यह चौथे नंबर पर आता है। भारतीय रेलवे केवल इसीलिए फेमस नहीं है क्योंकि उसका नेटवर्क बहुत ही ज्यादा बड़ा है बल्कि यह बहुत सारे आश्चर्य से भी भरा हुआ है। 

इस आर्टिकल में आज हम आपको कुछ भारतीय रेलवे के आश्चर्य जनक स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, क्योंकि इस भाग दौड़ से भरे हुए इस मुल्क में एक ऐसा भी स्टेशन मौजूद है, जहां पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म के बीच कुछ मीटर की दूरी नहीं बल्कि पूरे 2 किलो मीटर की दूरी स्थित है। आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार वह रेलवे स्टेशन कहां पर मौजूद है और उसमें प्लेटफार्म में कितने किलोमीटर की दूरी है।

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कहां पर है यह अनोखा रेलवे स्टेशन

हम आपको जिस अनोखे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं वह रेलवे स्टेशन बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित बरौली गांव नामक कस्बे में बना हुआ है, जो की एक गंगा के नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां पर प्लेटफार्म के बीच कुछ मीटर की दूरी नहीं बल्कि पूरे 2 किलोमीटर की दूरी मौजूद है। यह अनोखा रेलवे स्टेशन यहां के अलावा औद्योगिक कस्बे के रूप में भी सबसे अहम माना जाता है। इस कस्बे को तेल शोध नगर और थर्मल पावर प्लांट के लिए भी सबसे ज्यादा जाना जाता है।

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बरौनी जंक्शन का यह अनोखा रेलवे स्टेशन

यह अनोखा रेलवे स्टेशन बरौनी जंक्शन के नाम से भी जाना जाता है। 1883 में यह बरौनी जंक्शन बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या केवल एक से ही शुरू होती थी। बरौनी जंक्शन से विभिन्न मंडलों में ट्रेन चलाई जाती थी परंतु प्लेटफार्म नंबर एक पर केवल मालगाड़ी खड़ी हुआ करती थी। कुछ समय बाद वहां पर जाकर लोगों ने शिकायत दर्ज की लोगों की। शिकायत दर्ज होने के बाद बरौनी जंक्शन पर एक और प्लेटफार्म बनाने का फैसला किया गया।

इसके बाद दूसरा स्टेशन बना दो किलोमीटर की दूरी पर

लोगों की शिकायत करने के बाद बरौनी जंक्शन से 2 किलोमीटर दूर जाकर दूसरा बरोनी रेलवे स्टेशन बनाया गया। दूसरे स्टेशन पर भी प्लेटफार्म की संख्या एक ही रखी गई जिसकी वजह से एक ही जगह पर 2 किलोमीटर की दूरी पर दो स्टेशन एक नाम से ही बनाए गए।

अब प्लेटफार्म की संख्या 2 से शुरू होती है
जब नया बरौनी रेलवे स्टेशन बनकर तैयार किया गया तो पुराने रेलवे स्टेशन पर एक नंबर प्लेटफार्म को हटा दिया गया तब से ही पुराने बरौनी रेलवे स्टेशन पर दो नंबर से ही प्लेटफार्म की संख्या शुरू होती है। इसके बाद और भी नए प्लेटफार्म बनाए गए। यह एक अनोखा रेलवे स्टेशन बन गया है जहां पर नंबर एक ही मौजूद है।
लोगों को होती है समस्याएं
दो रेलवे स्टेशन होने की वजह से लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि जिन यात्रियों की ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर आनी होती है उन्हें 2 किलोमीटर की दूरी तय करके दूसरे रेलवे स्टेशन तक जाना