भगवान शालिग्राम की पूजा करना घर में होता है कितना शुभ फलदाई…! जानिए पूजा के नियम

शालिग्राम पत्थर एक जीवन में पत्थर का स्वरूप होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका प्रयोग परमेश्वर के प्रतिनिधि के रूप में और भगवान की पूजा करने के लिए किया जाता है। शालिग्राम मुख्य रूप से नेपाल में स्थित दामोदर कुंड से निकलने वाली काली गंडकी नदी से प्राप्त कर सकते हैं। शालिग्राम पत्थर को गंडकी नंदन भी कहा जाता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार गंदगी नदी में पाया जाने वाला गोलाकार काले रंग का एलोमार्ट जीवाश्म भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व होता है अर्थात इसको भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व मानकर पूजा करते हैं। शालिग्राम भगवान विष्णु का एक प्रसिद्ध नाम है। यह नाम उनको वृंदा के शाप के कारण मिला था।
भगवान शालिग्राम की पूजा अगर घर में की जाती है तो इससे धन की देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है। क्योंकि इसको विष्णु का स्वरूप माना जाता है। अगर घर में आप शालिग्राम की पूजा विधि विधान के साथ में करते हो तो आपके घर में धन लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहेगी और घर में सुख शांति का वातावरण बना रहेगा।
ऐसी भी मान्यता है कि भगवान शालिग्राम की पूजा अगर तुलसी के क्यारे के अंदर रखकर की जाए तो इससे भी मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है लेकिन शालिग्राम की पूजा प्रतिदिन नियमित रूप से होना जरूरी है।
जो लोग तुलसा जी के साथ साथ ही ग्राम की पूजा भी प्रतिदिन नियमित रूप से करते हैं उनके घर में दरिद्रता कोसों दूर तक नहीं आती है।
पत्थर स्वरूप में पूजे जाने वाले भगवान शालिग्राम की पूजा अगर नियमित रूप से तुलसी के अंदर की जाती है तो उससे धन की कमी क्लेश दरिद्रता और घर के लोग सभी कोसों दूर तक चले जाते है।
शालिग्राम को आपको घर के किसी पवित्र स्थान पर तुलसा जी के साथ में रखना ज्यादा शुभ होता है शालिग्राम की पूजा बहुत विधि विधान से करनी पड़ती है इससे घर के अंदर अशांति नहीं होती है और ना ही कभी बर्बादी होने लगती है।
अगर किसी के घर में एक से अधिक शालिग्राम की मूर्ति है तो उनको केवल अपने घर में एक ही शालिग्राम की मूर्ति की पूजा करना सही होगा। ऐसा इसलिए होता है कि आप अगर एक से ज्यादा शालिग्राम की प्रतिमा को रखते हैं तो आपके घर में दरिद्रता का वास हो जाएगा। इसके अलावा घर के अंदर बीमारियांआ जाएंगी। साथ में आपको आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए एक ही शालिग्राम की पूजा शुभ मानी जाती है।
आप अपने घर में भगवान शालिग्राम की पूजा करते हैं तो आपको घर के अंदर मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना होगा। ऐसा करने से घर में अनेक क्लेश उत्पन्न होने लगेंगे।
हमारे धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण में भी शालिग्राम खिलाओ के अंदर वास्तु दोष को दूर करने की बड़ी ताकत होती है। कुछ लोग तो इनको वास्तु दोष दूर करने के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी मानते हैं। मत्स्य शालिग्राम, नारायण शालिग्राम, गोपाल शालिग्राम, सूर्य शालिग्राम, वामन शालिग्राम आदि वास्तु दोष को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
किसी भी विशेष क्षेत्र में हो रही नकारात्मकता को दूर करने के लिए नरसिंह सालेग्राम, बरा शालिग्राम, सुदर्शन शालिग्राम की शीला को सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है। यह सभी से लाएं दूर-दूर तक सुख समृद्धि शांति का सुरक्षा चक्र बनाकर रखते हैं।